लखनऊ सिटी बस कंडक्टर ने अलग से एक वाहट्स एप ग्रुप बनाया और इससे 250 से अधिक चालक व परिचालकों को जोड़ा। उसने ऐसा इसलिए किया ताकि वो बराबर एकदूसरे के संपर्क में रहकर चेकिंग दलों का लोकेशन लेते रहें और बिना टिकट लोगों को यात्रा कराकर सिटी बस प्रबंधन को चूना लगाते रहें।
इस फर्जीवाड़े का खुलासा तब हुआ जब एक सिटी कंडक्टर का यात्री लोड फैक्टर 60 फीसदी के स्थान पर केवल 36 फीसदी निकला जबकि वहीं सिटी बस प्रबंधन की टीम ने उसका मोबाइल चेक किया तो सारे मामले का पता चला। उसके मोबाइल में जय बाबा नीम करौरी नाम से ऐसा वाट्सएप ग्रुप बनाया गया था। जिसमें गोमतीनगर और दुबग्गा बस डिपो के 200 से अधिक ड्राइवर कंडक्टर जुड़े थे।
ग्रुप बीते एक वर्ष से चल रहा था। इसके चलते सिटी बस प्रबंधन को कई लाख रुपये का तगड़ा झटका लगा जबकि पहले से ही सिटी बसों की आर्थिक बदहाली किसी से छिपी नहीं है।