कृषि वैज्ञानिक डॉ महक सिंह ने विकसित की कम समय में पकने और अधिक तेल युक्त राई व सरसों की प्रजातियां
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय (सीएसए) कानपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ महक सिंह ने राई व सरसों की ऐसी प्रजातियां विकसित की हैं जो कम समय में पकने के साथ तेल भी अधिक देंने में सक्षम है। विश्वविद्यालय में इजाद की गई प्रजातियों को भारत सरकार के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा देश भर में सभी क्षेत्रो के लिए संस्तुति प्रदान की चुकी है।
सीएसए के अनुवांशिकी पादप प्रजनन विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ महक सिंह ने बताया कीं विकसित की गयी राई की प्रजाति 'आजाद महक' 115 से 120 दिन में पक कर तैयार हो जाती है इसमें तेल की मात्रा 41 से 42 प्रतिशत तक पायी जाती है इसकी उत्पादन क्षमता 32 से 34 क्विंटल तक रहती है इसके साथ ही इसके पौधों में सबसे कम मृत्यु दर रही है। वही सरसो की प्रजाति
'आजाद चेतना' 90 से 95 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है इसकी उत्पादन क्षमता 11 से लेकर 14 क्विंटल तक होती है। इसमें तेल की मात्रा 42 से लेकर 44 प्रतिशत तक रहने के साथ ही इस प्रजाति के पौधों में अच्छी उपज होती है। विकसित की गयी प्रजातियों से किसानो की उपज बढ़ने के साथ ही आय भी बढ़ेगी।
डॉ महक सिंह ने बताया कि राई और सरसो के पौधों का वृहद उपयोग होता है। इसके पत्तो का साग बनाने में, इसकी फलियों के दानो से तेल निकालने और इसका तना और खलिया जानवरो के लिए प्रयोग में आता है। डॉ महक सिंह ने बताया कि राई और सरसो के तेल में मिनरल्स, विटामिन्स , फैट्स, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 फैटी एसिड पाया जाता है जिससे इम्युनिटी भी बढ़ती है।