कानपुर के जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज में 25 वर्षीय महिला सर्जरी विभाग में आकर भर्ती हुई थी जिसकी जांच के बाद पता चला कि महिला की बच्चेदानी की नली फट गई है जिसके कारण अंदरूनी रक्तस्राव हो रहा है। रक्तस्राव के कारण महिला के शरीर में मात्र 1 ग्राम खून ही बचा था।
मरीज को अति गंभीर हालत में प्रसूति एवं स्त्री रोग विभाग की डॉ सीमा द्विवेदी ने अपनी चिकित्सकों की टीम के साथ देर रात मरीज का ऑपरेशन किया और उसकी जान बचा लिया।
डॉ सीमा द्विवेदी के अनुसार मरीज को बेहोश कर एक मेजर ऑपरेशन करना एक जटिल चुनौती थी। मरीज के शरीर में मात्र एक ग्राम खून था और उसके पेट में 3 लीटर रक्त स्राव हो चुका था। ब्लड बैंक से तीन बोतल खून की व्यवस्था करके बेहोशी वाली टीम के साथ सफलता पूर्वक ऑपरेशन कर मरीज की जान बचा ली गई। मरीज अब बिल्कुल ठीक और स्वस्थ है।
डॉ सीमा द्विवेदी के अनुसार हर पेट दर्द आंतों से संबंधित नहीं होता। भले ही मरीज पेट में दर्द आंतों की सूजन और पेट फूलने के साथ भर्ती हुआ हो, लेकिन हर पेट दर्द आंतों से संबंधित नहीं होता, गर्भाशय के रोग भी हो सकते हैं।